सोमवार, 10 नवंबर 2014

सिंघई फूलचंद्र जैन


शमशाबाद ,आगरा जनपद का एक प्रमुख क़स्बा है |यहाँ वरहिया जैन समुदाय के लगभग पैंतीस-चालीस परिवार निवास करते हैं |ये सभी प्रायःव्यवसायी हैं और आनुपातिक रूप से  यहाँ के व्यापार के एक बड़े भाग पर इनका नियंत्रण है |सिंघई फूलचंद्र जी भी इन्हीं में से एक हैं ,जो यहाँ किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं |सिंघई फूलचंद्र जैन का जन्म 16 जनवरी सन 1934 में शमशाबाद में हुआ |आपके पिता का नाम सिंघई प्यारेलाल जैन व माता का नाम श्रीमती कटोरी बाई जैन है |
                                   सिंघई प्यारेलाल जी वरहिया का परिवार तीन-चार पीढ़ी पहले ग्वालियर जनपद के बरौआ गाँव से आकर शमशाबाद में बस गया और इसी को अपनी कर्मस्थली बना लिया |
                                   आपकी प्रारंभिक शिक्षा शमशाबाद में हुई |मेट्रिक तक पढ़ाई करने के बाद ही आपने पढ़ाई छोड़ दी और अनाज के कारोबार में अपने पिता का हाथ बंटाने लगे |यह वह समय था जब आपका सामना जीवन की कड़वी सच्चाइयों से हुआ |बेहतर आजीविका की तलाश में आपने कई प्रयोग किये और बहुत कड़ा परिश्रम व संघर्ष किया |लगन,दूरंदेशी और परिश्रम यही आपकी जीवन-यात्रा का पाथेय रहा है ,जिसने आपको एक सफल उद्यमी के रूप में स्थापित किया |
                                 21वर्ष की अवस्था में सन 1955 में जौरा निवासी श्री हरप्रसाद जैन की पुत्री श्रीमती कमला बाई जैन के साथ आपका विवाह संपन्न हुआ |आपका वैवाहिक जीवन काफी सुखमय रहा |आपके पांच पुत्र और तीन पुत्रियाँ हुईं |
                                 फूलचंद्र जी की छात्र जीवन से ही राजनीति में गहरी रूचि रही |स्वाधीनता संग्राम में भी आपने अपनी भागीदारी निभाई |स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद आप भारतीय जनसंघ से जुड़े और आजीवन उससे जुड़े रहे |आप नवीकृत जनसंघ याने भाजपा की नगर इकाई के अध्यक्ष भी रहे हैं |सामाजिक फलक पर भी आपकी सक्रियता रही है |वरहिया जैन महासभा के कोषाध्यक्ष के रूप में आपने अपने दायित्व को कुशलता से निभाया है |कृषि उपकरण और ट्रेक्टर्स पार्ट्स कारोबारी के रूप में आपने काफी ख्याति अर्जित की है |वर्ष 1991 में आपने शमशाबाद में एक आधुनिक मेरिज-हाउस की नींव रखी ,जिसका नामकरण अपनी धर्म-पत्नी श्रीमती कमला बाई जैन के नाम पर 'कमला-पैलेस 'किया |धर्म के प्रति आजीवन आपकी गहरी रूचि रही है |तीर्थाटन के लिए आप अभी भी तत्पर रहते हैं |आपकी मृदुता और सौम्यता से कोई भी सहज ही में अभिभूत हो जाता है |78 वर्ष की उम्र में भी आप काफी सक्रिय रहते हैं |यह सक्रियता आपके व्यक्तित्व का सबसे प्रेरक पक्ष है |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें