मंगलवार, 8 मार्च 2016

समाजसेवी पन्नालाल जी जैन

पिता हकीम ताराचंद जी के दिलों की धड़कन और माता गौराबाई की आँखों के तारे ,सबके लाड़ले पन्नालाल जी का जन्म 25 मार्च सन 1934 में म.प्र. के शिवपुरी जिले के ग्राम मगरोनी में हुआ था |बालक पन्नालाल बहुत सौम्य,गंभीर स्वभाव के थे |समय के साथ उनकी यह सौम्यता  और गाम्भीर्य और पुष्ट होता चला  गया और उनके जीवन का स्थायी भाव बन गया |
                                                माता-पिता के आज्ञाकारी पन्नालाल जी बहुत धार्मिक स्वभाव के ,संस्कारी और अल्पभाषी रहे हैं |उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा मगरोनी में ही हुई |उन दिनों मगरोनी में पठन-पाठन की समुचित व्यवस्था न होने से उनकी पढ़ाई-लिखाई माध्यमिक स्तर तक ही संभव हो सकी लेकिन अनौपचारिक रूप से उनका अध्ययन-मनन आजीवन चलता रहा |
                                                                            आपका विवाह संवत् 2008 में वैशाख शुक्ला 3 को करहिया के श्री फूलचंद्र चौधरी की सुपुत्री बादामीबाई के साथ संपन्न हुआ |आपका दाम्पत्य जीवन सुखमय बीता |आपके चार पुत्रियाँ और एक पुत्र है |मगरोनी में ही आपकी लोहे की दुकान थी जो आपकी आजीविका का आधार रही |सामाजिक कार्यों में आपकी युवावस्था से ही गहरी रूचि रही जो आयु बढ़ने के साथ उत्तरोत्तर बढ़ती गई |जिससे आपकी एक निष्ठावान समाजसेवी के रूप में लोगों के मानस-पटल पर छवि अंकित हो गई |
                            गुलिया गौत्रोत्पन्न श्री पन्नालालजी पंडित गुरुवर्य गोपालदास जी कल्याण-कोष के संस्थापक अध्यक्ष रहे |कल्याण-कोष पन्नालाल जी की कल्पनाशीलता और समाज के प्रति उनके समर्पण का जीवंत दस्तावेज है |वह सन 2004 से 2010 तक इसके अध्यक्ष रहे और उसके उपरांत संरक्षक के रूप उसका मार्गदर्शन किया |आप 20 वर्षों तक नवयुवक मंडल ,मगरोनी के मंत्री रहे | आपने युवाओं को संगठित करने में अग्रणी भूमिका निभाई और नवयुवक मंडल की पहचान और सक्रियता को एक नया आयाम दिया |श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर ,कटरा मोहल्ला मगरोनी का आपने लम्बी अवधि तक कार्यभार सम्हाला |मगरोनी ग्राम पंचायत के भी आप सदस्य रहे हैं |श्री भट्टारक कोठी ,सोनागिर के उपाध्यक्ष के दायित्व का भी आपने दो कार्यकाल तक निर्वहन किया |आप उरवाहा सिद्धक्षेत्र ,नरवर ट्रस्ट के भी उपाध्यक्ष रहे हैं |अखिल भारतीय दिगंबर जैन महासभा के आप सदस्य रहे हैं |आपकी आतिथ्य-प्रियता और सौजन्य से हर व्यक्ति सहज ही अभिभूत हो जाता था |वह बहुत स्नेहशील व्यक्ति थे |27 फरवरी 2016 को क्रूर काल ने अचानक  उन्हें हम से छीन लिया ||

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