गुरुवार, 7 अप्रैल 2016

गुरु गोपालदास -महिमा


ओ स्यादवाद-सिद्धांत -निलय
ओ विद्यावारिधि अति अगाध |
वादीभकेशरी   ओ    दिग्गज
विद्वान्-शिरोमणि !निर्विवाद ||

ओ कर्मठ त्यागी ! ओ नैष्ठिक
ओ कुशल प्रवक्ता ! पत्रकार  !
ओ सफल सुलेखक !अध्यापक !
युगनिर्माता    साहित्यकार  ||

ओ जैन वांग्मय के   शोधक
अनुशीलनकर्ता   ज्ञानवान |
तुम परम संस्कृत भट्टारक
थे  सहृदयी  भावुक  महान ||

ओ महामना  !प्रतिभाशाली !
स्तम्भ जैन संस्कृति विशाल |
ओ परम दार्शनिक! सत्यनिष्ठ !
जिनवाणी सेवक !विशदभाल ||

मोरेना-संस्कृत-विद्यालय -
संस्थापक तुम ही दृढ़ प्रतिज्ञ !
दिन रात   गा  रहे यशोगान
स्नातक निकले जो परम विज्ञ ||

ओ सरस्वती  के  वरद  पुत्र !
ओ शास्त्रार्थ -विजयी महान |
ओ सफल समालोचक सेवक
निर्लोभी विजयी क्रोध  मान ||

ओ न्याय तर्क के वाचस्पति !
ओ चोटी के विद्वान्  एक !
अमृतमय वाणी सींच -सींच
पाया है तुमने  सद्विवेक ||

हित-मित-प्रियभाषी !निडर धीर
चारित्र मूर्ति , गौरव -निधान  !
निष्कपट दुराग्रह सदा त्याग
अपनाया तुमने पथ  महान ||

तुम निरभिमान पाखण्ड हीन
इन्द्रियजेता       कर्तव्यनिष्ठ !
सिद्धांत  पक्ष के   प्रतिपादक
निष्पक्ष समीक्षक  गुणगरिष्ठ ||

ओ मार्ग प्रदर्शक विद्ज्जन  !
ओ अग्रगणी नेता  समाज
गोपालदास गुरुवर्य  श्रेष्ठ  !
श्रद्धांजलि अर्पण तुम्हें आज ||

                           ----  रचयिता श्री अनूपचंद न्यायतीर्थ ,साहित्यरत्न (जयपुर)

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