भंडारी गौत्रोत्पन्न श्री रामजीत जी जैन |
जैन जगत को जिन्हनें दीं हैं कई अनूठी देन||
'वरहियान्वय'जैसी कृति जिनके श्रम का प्रतिफल है |
गौरवान्वित हो समाज ,रहा जिनका इस पर बल है ||
जिन्हने खोजा बिखरे सूत्रों को, कर अथक प्रयास |
अल्पख्यात वरहिया समाज को दिया प्रथम इतिहास ||
जिनकी लिखी दर्जनों कृतियाँ हुईं जैन जगत में चर्चित |
है श्री सिद्धक्षेत्र गोपाचल जैसी कृति संपूजित ,अर्चित ||
अखिल दिगंबर जैन जगत में मिला जिन्हें बहुमान |
वह ग्वालियर नगरी के रहवासी अभिभाषक श्रीमान ||
उनका महान अवदान भुलाया नहीं जा सकेगा |
हमसे उनका ऋण कभी चुकाया नहीं जा सकेगा ||
------- रचयिता श्रीश राकेश जैन (लहार)
जैन जगत को जिन्हनें दीं हैं कई अनूठी देन||
'वरहियान्वय'जैसी कृति जिनके श्रम का प्रतिफल है |
गौरवान्वित हो समाज ,रहा जिनका इस पर बल है ||
जिन्हने खोजा बिखरे सूत्रों को, कर अथक प्रयास |
अल्पख्यात वरहिया समाज को दिया प्रथम इतिहास ||
जिनकी लिखी दर्जनों कृतियाँ हुईं जैन जगत में चर्चित |
है श्री सिद्धक्षेत्र गोपाचल जैसी कृति संपूजित ,अर्चित ||
अखिल दिगंबर जैन जगत में मिला जिन्हें बहुमान |
वह ग्वालियर नगरी के रहवासी अभिभाषक श्रीमान ||
उनका महान अवदान भुलाया नहीं जा सकेगा |
हमसे उनका ऋण कभी चुकाया नहीं जा सकेगा ||
------- रचयिता श्रीश राकेश जैन (लहार)
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