शुक्रवार, 27 जनवरी 2023

वर्ष 1914 की जैन जनगणना और वरहिया जैन समाज


 अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन महासभा द्वारा ई.1914 में भारत की समस्त दिगंबर जैन जातियों की गणना कराई गई थी।इस जातीय जनगणना से दिगंबर जैन जातियों की जनसंख्या का पहली बार आधिकारिक रूप से एक स्थूल आकलन हो सका। यह डायरेक्टरी वेंकटेश्वर मुद्रणालय मुंबई से प्रकाशित हुई थी। इसमें सभी दिगंबर जैन जातियों की जनगणना के अलावा विभिन्न समाजों के प्रमुख लोगों की भी एक सूची तैयार की गई थी।इस उलेख्य सूची में वरहिया(वरैया) जैन समुदाय के 59 प्रमुख परिवारों को शामिल किया गया है। यह हमारे अतीत का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। वरहिया जैन समुदाय की तत्समय जनसंख्या का ग्रामवार विवरण अकारादि क्रम से यहां प्रस्तुत है। इसके अनुसार कुल जनसंख्या 1512 है।
1-अमरोल-23
2-आमोल-5
3-अलवर-20
4-अलापुर-20
5-अमोला-103
6-आरोन-27
7-इटावली-15
8-उज्जैन-9
9-करई -23
10-करहिया-311
11-कानीबहेरी-9
12-कुलैथ-23
13-गुलगांव(सलारतपुरा)-4
14-गोपालपुरा-8
15-घरसोदी-5
16-घाटीगांव-6
17-चंदपुरा-16
18-चिंदौनी-1
19-चीनौर-43
20-चुरैलखेरा-9
21-चैतनगर(चैतग्राम)-13
22-छड़ेर-8
23-छड़ेरा-8
24-छीमक-10
25-जिगसोली-5
26-जौरा-57
27-जौरासी-10
28-टिकटौली-36
29-दीमानगंज-8
30-धमकन-7
31-धौंआ-47
32-धौलागढ़-19
33-नरवर-53
34-नरेला-7
35-नवगांव-3
36-पनिहार-5
37-पार-10
38-बड़नगर(मालवा)-1
39-बनवार-34
40-बैरसिया-8
41-भौंती-2
42-भोपाल-10
43-मगरोनी-115
44-मुरैना-5
45-मोहना-39
46-मोहलिया-4
47-रायपुर(गिर्द)-11
48-रिठौरा-23
49-रेंहट-44
50-लीटिया -10
51-वरकेगांव-23
52-बिलोखो-2
53-बिहारिया-3
54-सांतऊ-11
55-सतनवाड़ा-18
56-सभराई-8
57-सिमरिया-21
58-सुमावली-85
59-सिरसा-6
60-शिवपुरी-30
61-हथरया-13

         वरहिया जैन समुदाय के गौरवास्पद इतिहास से परिचय कराने के उद्देश्य से उस समय के प्रमुख परिवारों का विवरण अकारादि क्रम से यहां आगे दिया जा रहा है।हर प्रविष्टि में पहले निवास स्थान का उल्लेख है इसके पश्चात परिवार के मुख्य-मुख्य लोगों के नाम और इसके बाद कारोबार का उल्लेख है -

1-अमरोल(गिर्द)-श्री राधेलाल,फुंदीलाल जी-गल्ले का व्यापार
2-आमोल(नरवर)-श्री चुन्नीलाल, मोतीलाल जी-बजाजी
3-अलापुर(तवरघार)-श्री सेवालाल,ग्यासीराम जी -दुकान कठारखाना
4-आमोल(नरवर)-श्री मन्नूलाल, तुलाराम जी -साहूकारी
5-आमोल(नरवर)-श्री ताराचंद, खूबचंद जी-साहूकारी
6-आरोन(गिर्द)-श्री दुरगी,खूबी-साहूकारी
7-इटावली(ग्वा.रिया.)-हीरावन दे-बंजी
8-उज्जैन-श्री जुहारमल, पूनमचंद जी -परचून की दुकान
9-करई(गिर्द)-श्री रामलाल, गंगाराम जी -साहूकारी
10-करहिया(गिर्द)-श्री लेखराज,जगराम जी -साहूकारी
11-करहिया-श्री दीवानमल वृजलाल जी-साहूकारी
12-करहिया-श्री मिहरचंद, रामलाल जी -साहूकारी
13-कानीबहेरी(नरवर)-श्री दरयाब, रामलाल जी -बंजी
14-कुलैथ(ग्वा.रिया.)-कुल्लेमल पुत्र श्रीधर्मदास जी-बंजी
15-गुलगांव [सलामतपुर](भोपाल रिया.)-सेठ सुखलाल, रतनचंद जी -किराना
16-घरसोदी(गिर्द)-श्री काशीराम, परमसुख जी -बंजी
17-घाटीगांव(गिर्द)-श्री पन्नू,मानू-बंजी करना
18-चंदपुरा(ग्वा.रिया.)-श्री दौलती,ज्योति प्रसाद -बंजी
19-चिंदौनी(तवरघार)-श्री दुलीचंद खूबचंद जी -खेतीबाड़ी
20-चीनौर(गिर्द)-श्री धाराजीत, नंदलाल जी -साहूकारी
21-चुरैलखेरा(नरवर)-श्री दुल्ली, रामलाल जी -घी और गल्ले का व्यापार
22-चैतनगर(ग्वा.)-श्री भजनलाल, प्यारेलाल जी -साहूकारी
23-छड़ेर(तवरघार)-श्री शोभाराम,मनसाराम जी -दुकान कठारखाना
24-छड़ेरा(गिर्द)-श्री हरगोविंद, बालकिशन जी -बंजी
25-छीमक(गिर्द)-श्री सोनपाल, प्यारेलाल जी -साहूकारी
26-जिगसोली(ग्वा.रिया.)-श्री मूलचंद, राजाराम जी -बंजी
27-जौरा(तवरघार)-श्री मोहनलाल, महासुख जी-दुकानदारी
28-जौरासी(ग्वा.रिया.)-श्री रामलाल, पातीराम जी -बंजी
29-टिकटौली(ग्वा.रिया.)-श्री छीतरया, अमरजीत जी -बंजी, खेतीबाड़ी
30-धमकन(तवरघार)-श्री ललईं, मूलचंद जी -दुकानदारी
31-धौंआ(गिर्द)-श्री मोतीराम,रामजीमल जी -साहूकारी
32-धौलागढ़(नरवर)-श्री रतनलाल, बिहारीलाल जी -आढ़त,साहूकारी
33-नरवर(ग्वा.रिया.)-सेठ श्रीचंद पुत्र श्री इच्छाराम जी -साहूकारी
34-नरवर-सेठ चतुर्भुज पुत्र श्री किशुनचंद जी -साहूकारी
35-नरेला(तवरघार)-श्री गिरधारी लाल,गोलीराम जी -दुकान कठारखाना
36-नवगांव(गिर्द)-श्री कड़ोरेलाल,विनतीलाल जी -गल्ले का व्यापार
37-पार(गिर्द)-श्री उदैनंद,हरप्रसाद जी -साहूकारी
38-बनवार(गिर्द)-श्री बापूराम, रामलाल जी-बंजी
39-बनवार-श्री हरलाल, भोगीराम जी -साहूकारी
40-बैरसिया(भोपाल)-श्री धन्नालाल जी -हलवाईगीरी
41-मगरौनी(नरवर)-श्री मोतीलाल, पन्नालाल जी -साहूकारी
42-मुरैना(ग्वा.रिया.)-पं.गोपालदास जी -आढ़त
43-मोहना(गिर्द)-श्री पन्नूलाल,भूरासिंह जी-साहूकारी, गल्ले का व्यापार
44-रायपुर(गिर्द)-श्री चिरोंजी लाल, धनपाल जी-पटवारी
45-रिठौरा(तवरघार)-सेठ पन्नालाल, हीरालाल जी -साहूकारी
46-रेंहट(गिर्द)-श्री प्रतापचंद,कड़ोरेमल जी -साहूकारी
47-लीटिया(गिर्द)-श्री पातीराम,बहोरनलाल जी -साहूकारी, खेतीबाड़ी
48-वरकेगांव-(गिर्द)-श्री माणिकचंद, हंसराज जी -साहूकारी,बजाजी
49-बिलोखो(नरवर)-श्री गुलाबचंद, श्रीलाल जी -बंजी
50-विहारिया(उज्जैन)-श्री चुन्नीलाल जी -परचून की दुकान
51-सांतऊ[शांतक](गिर्द)-श्री दुर्गा प्रसाद, मोतीलाल जी -साहूकारी, खेतीबाड़ी
52-सतनवाड़ा(नरवर)-श्री गुलाबचंद, पन्नूलाल जी-साहूकारी,घी का व्यापार
53-सभराई(गिर्द)-श्री फोदलिया पुत्र श्री जानकीराम जी -साहूकारी,घी का व्यापार
54-सिमरिया(गिर्द)-श्री अमरचंद, नेकराम जी -गल्ले का व्यापार
55-सुमावली(ग्वा.रियासत)-श्री हरगोविंद, प्यारेलाल जी -साहूकारी
56-सुमावली-श्री फैलीराम,गुलजारी लाल जी -साहूकारी
57-सिरसा(गिर्द)-श्री झींगरीमल, कालूलाल जी -पंसारी
58-शिवपुरी(नरवर)-श्री गिरधारी भाई, पातीराम जी -हलवाईगीरी
59-हथरया(ग्वालियर रियासत)-श्री भागचंद, धनीराम जी -बंजी।
[यहां यह तथ्य ध्यान देने योग्य है कि इस जनगणना में आगरा अंचल के शमसाबाद ,बड़ा नगला,वदेकेवास,डौकी,कुर्राचित्तरपुर,गढ़ी महासिंह आदि स्थानों में वरहिया जैन समाज के निवास का कोई उल्लेख नहीं है। जिससे यह निष्कर्ष निकलता है कि या तो ई.1914 में कोई वरहिया जैन इस क्षेत्र में निवास नहीं करता था या फिर जनगणना कार्य करने वाले लोगों से कोई भूल हुई है।जबकि जनगणना में कुर्राचित्तर पुर में एक जैसवाल परिवार के निवास का उल्लेख है यानी वे लोग इस क्षेत्र से परिचित थे। शमसाबाद में रहने वाले सिंघई परिवार तो बरौआ (गिर्द) से जाकर वहां बसे हैं। अन्य मामलों में भी शायद ऐसा ही रहा हो। सांतऊ निवासी श्रीमान दुर्गा प्रसाद जी (पहाड़िया) जिनका उल्लेख सूची में प्रविष्टि क्रमांक 51में है, लेखक के प्रपितामह हैं,जो ई.1928 के आसपास भिंड जिले के लहार कस्बे में आकर रहने लगे थे]




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