शनिवार, 25 नवंबर 2023

वरहिया जैन

 

हैं सभी वरहिया जैन दिगंबर आम्नाय के अनुयायी/
जिनके कुल गौरव की गाथा नलपुर में जाती थी गाई।
नलपुर के सामंतों में वीरमदेव सिंह प्रख्यात हुए/
धर्मानुराग में अपनी दृढ़ता के कारण विख्यात हुए।
कहते हैं उनकी संतति ने इस जाति,वंश की नींव रखी/
 इसलिए वरहिया जैनों में भी क्षात्रत्व की झलक दिखी।
नलपुर के ग्राम्यांचल में विकसित हो यह सुरभित पुष्प खिला/
उत्कृष्ट आचरण से जिनको वरहिया जैन अभिधान मिला।
सरस्वती गच्छ जो मूलसंघ के ही अंतर्गत आता है/
जिसका सुप्रतिष्ठ बलात्कारगण से नजदीकी नाता है।
गोपालदास जी ने जिस जाति का  सौरभ फैलाया है/
जिसका गौरव ध्वज रामजीत भंडारी ने फहराया है।
आओ हम भी इसकी सुगंध मिलकर दिगंत में फैलाएं/
ऐसा व्यवहार करें जिससे भारत भर में जाने जाएं।।

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